था एक शख़्स ऐसा मेरी ज़िन्दगी में
जो शायद जब था तो मुझे एहसास नहीं था
पर अब जब वो नहीं है
तो मै तड़पती हूं पल पल
बस एक शब्द पापा बोलने को
मन करता है कभी आवाज़ दूं मै इधर से
तो आवाज़ दे वो उधर से
हां मै हूं
मै बोल रहा हूं
तू कैसी है
तेरी आवाज़ तो ठीक नहीं लग रही
पहचान जाते थे वो मेरी उदास या कमजोर आवाज़ एक hello सुनकर
खो जाता है वो प्यार कहीं
रह जाता है बस पल पल तड़पना.........